किडनी का कैंसर है काफी खतरनाक, शरीर में दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान

किडनी का कैंसर है काफी खतरनाक, शरीर में दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान

सेहतराग टीम

हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं होती है। उन्हीं में एक है किडनी की बीमारी है जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है। ये इसलिए क्योंकि कई लोग इसके लक्षण को नहीं जानते जो आगे चलकर जानलेवा हो जाता है। इसलिए किडनी की बीमारियों के लक्षण को जानना काफी जरूरी है। किडनी में कैंसर का इलाज अगर समय रहते कर दिया जाए तो ठीक अन्यथा ये आगे चलकर जानलेवा हो जाता है।

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विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) के अनुसार, भारत में किडनी कैंसर की इंसिडेंस रेट पुरुषों के लिए 10,354 और महिलाओं के लिए 6507 है। साथ ही, सामान्‍य तौर पर उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा बढ़ जाता है, इसलिए किडनी के कैंसर से पीड़ित लोग ज़्यादातर 50-70 वर्ष के आयु वर्ग वाले हैं। 

किडनी कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षण (Kidney Cancer Symptoms in Hindi):

मूत्र के साथ खून आना: 

वैसे तो मूत्र नली में संक्रमण के चलते भी यह लक्षण दिखायी देता है, लेकिन किडनी के कैंसर से पीड़ित अधिकांश लोगों के मूत्र के साथ भी खून आता है। इस तरह का लक्षण दिखाई देने पर, डॉक्‍टर से मिलकर इसका उपचार कराएं। 

पीठ दर्द: 

पीठ में किसी एक तरफ दर्द का अनुभव होता है, हालांकि उसका संबंध पहले लगी किसी चोट या जख्‍म से नहीं होता है। इस तरह के संकेत का अनुभव होने पर, शरीर की जांच अवश्‍य कराएं। 

थकान: 

लाल रक्‍त कोशिकाओं की कमी के चलते थकान का अनुभव हो सकता है। हालांकि अधिकांश लोगों के लिए थकान मामूली बात हो सकती है, लेकिन कैंसर से जुड़ी थकान भिन्‍न तरह की होती है। कैंसर के चलते होने वाली थकान सामान्‍य थकान से अलग हो सकती है। किडनी के कैंसर के शुरुआती लक्षण वाले मरीजों में, उनके गुर्दों (किडनी) से लाल रक्‍त कोशिकाएं पैदा करने वाले आवश्‍यक हॉर्मोन एरिथ्रोपीटिन का स्राव नहीं होता है। साथ ही, कैंसर-युक्‍त कोशिकाएं शरीर में विषाक्‍त पदार्थों का निर्माण करती हैं, जिनसे कोशिकाओं की सामान्‍य क्रिया प्रभावित होती है। 

भूख न लगना: 

एक लंबी समयावधि तक भूख न लगने की शिकायत होने पर, जांच जरूर कराएं। 

लगातार बुखार: 

अगर किसी व्‍यक्ति को बिना सर्दी-खांसी के लगातार बुखार जैसा अनुभव हो, तो उसे डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए। याद रखें, बुखार होने पर, शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र संबंधित बैक्‍टीरिया, वायरस या कभी-कभी ट्यूमर तक का भी जमकर मुकाबला करता है। प्रतिरोधी क्षमता कमज़ोर पड़ जाने की स्थिति में, लगातार बुखार का अनुभव होगा। 

टखनों पर सूजन: 

जब शरीर से निकलने वाले अतिरिक्‍त तरल पदार्थ का बाहर निकलना रूक जाता है, तो टांगों और टखनों में सूजन का अनुभव होता है। कई बार, किडनी के ट्यूमर के चलते शरीर का अतिरिक्‍त तरल पदार्थ शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है। 

बेवजह वजन घटना:

यदि बिना किसी व्‍यायाम या मेहनत के शरीर का वजन बेवजह घटने लगे, तो यह चिंताजनक स्थिति हो सकती है और यह किडनी कैंसर का मौन लक्षण हो सकता है। थकान और भूख न लगने के चलते भी एक समयावधि के बाद वजन घटने लगता है।  

किडनी का कैंसर बिल्‍कुल आक्रामक होता है और एडवांस्‍ड स्‍टेज में पहुंच जाने पर तेजी से बढ़ता है। किडनी के कैंसर का उपचार इसके चिह्नित स्‍टेज पर निर्भर करता है। स्‍टेज 1 किडनी कैंसर से पीड़ित लोगों की सरवाइवल एवं रिकवरी, एडवांस्‍ड स्‍टेज वालों की तुलना में काफी बेहतर देखी गयी है। यदि एडवांस्‍ड स्‍टेज में पहुंचने के बाद किडनी कैंसर का पता चलता है, तो ओवरऑल सरवाइवल प्रभावित होता है। इसलिए, अपने शरीर के मूक लक्षणों को जानना जरूरी है।

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